Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
खबर के मुताबिक हल्दीराम और टाटा कंज्यूमर के बीच इस डील को लेकर बातचीत चल रही है। टाटा हल्दीराम की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बात कर रही है। इस हिस्सेदारी के लिए हल्दीराम की ओर से 10 बिलियन डॉलर (85,000 करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन की डिमांड की गई है।
नई दिल्ली। आपकी पसंदीदा नमकीन भुजिया बनाने वाली कंपनी हल्दीराम बिकने जा सकती है। टाटा समूह की एफएमसीजी कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स के साथ इसे लेकर बातचीत चल रही है।
खबर के मुताबिक हल्दीराम और टाटा कंज्यूमर के बीच इस डील को लेकर बातचीत चल रही है। टाटा हल्दीराम की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बात कर रही है। इस हिस्सेदारी के लिए हल्दीराम की ओर से 10 बिलियन डॉलर (85,000 करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन की डिमांड की गई है।
हालांकि वैल्यूएशन को लेकर दोनों के बीच अभी बात नहीं बन रही है। टाटा कंज्यूमर के मुताबिक हल्दीराम की ओर से इस डील के लिए जो वैल्यूएशन की डिमांग की जा रही है वो ज्यादा है। वैल्यूएशन को लेकर दोनों कंपनियों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है और दोनों के बीच इसे लेकर सहमति बनाने की कोशिश जारी है। अगर यह डील हो जाती है तो टाटा समूह रिलायंस रिटेल और आईटीसी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सकती है। हालांकि हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कई और कंपनियां भी लाइन में खड़ी है। टाटा जहां 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगा रही है तो वहीं हल्दीराम अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बेन कैपिटल समेत कुछ प्राइवेट इक्विटी फर्म के साथ बातचीत कर रही है। इस खबर को लेकर टाटा कंज्यूमर्स या हल्दीराम की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। आजादी से पहले शुरू हुई कंपनी की कहानी बीकानेर से शुरू हुई। हल्दीराम का कारोबार पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है। इसकी शुरुआत साल 1937 में गंगा बिशन अग्रवाल ने की। उनकी मां उन्हें प्यार से हल्दीराम कहकर बुलाती थी, इसलिए उन्होंने अपने ब्रांड का नाम हल्दीराम रखा। समय के साथ जैसे-जैसे कंपनी का विस्तार शुरू हुआ, वैसे-वैसे ही हल्दीराम साम्राज्य के क्षेत्रीय और ट्रेडमार्क अधिकारों को लेकर नई पीढ़ी के बीच तनाव और विवाद भी बढऩे लगा। वर्तमान में उनके तीन बेटे मूलचंद, रामेश्वर लाल और सतीदास के बेटे कारोबार को संभालते हैं। अलग-अलग नामों से भारतीय नमकीन मार्केट में इन्होंने पकड़ बना रखी है।
अगर नमकीन मार्केट की बात करें तो भारत में नमकीन स्नैक्स का मार्केट 620 करोड़ रुपये का है। इस स्नैक्स बाजार में हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी की है। भारत के अलावा सिंगापुर, अमेरिका में भी कंपनी का कारोबार है। नमकीन के अलावा मिठाईयां, वेस्टर्न कुजीन के ससाथ कंपनी के 150 से अधिक रेस्टोरेंट है। कंपनी अपना कारोबार तीन हिस्सों में बांटकर कर रही है। दक्षिण और पूर्वी भारत में कंपनी के कारोबार का नियंत्रण कोलकाता स्थित हल्दीराम भुजियावाला के पास है। वहीं पश्चिमी का कारोबार नागपुर के ‘हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल’ के पास है। इसी तरह से उत्तरी भारत का हेड ऑफिस दिल्ली में ‘हल्दीराम स्नैक्स एंड एथनिक फूड्स’ के पास है। ऐसे में टाटा कंज्यूमर अगर हल्दीराम का अधिग्रहण कर लेता है तो उसका दबदबा इस सेक्टर में बढ़ जाएगा।